Today Haryana Election News: ओमप्रकाश चौटाला की 20 साल बाद राजनीति वापसी, जाने कहां से लड़ सकते है चुनाव
ओम प्रकाश चौटाला, जो भारतीय राष्ट्रीय लोकदल (इनेलो) के सुप्रीमो हैं, 20 साल के लंबे अंतराल के बाद विधानसभा चुनाव में लौटने की तैयारी कर रहे हैं। 89 वर्षीय चौटाला ने 2005 में रोड़ी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और अब डबवाली सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। उन्होंने हाल ही में दिल्ली की अदालत से चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी है, यह तर्क देते हुए कि उनके साथ सजा काटने वाले शेर सिंह बड़शामी को भी चुनाव लड़ने की मंजूरी मिली है।
Main Points
ओम प्रकाश चौटाला का राजनीतिक सफर
ओम प्रकाश चौटाला का राजनीतिक करियर काफी लंबा और विवादास्पद रहा है। उन्होंने सात बार विधायक और पांच बार मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है। उनका नाम शिक्षक भर्ती घोटाले में भी आया था, जिसके चलते उन्हें सजा का सामना करना पड़ा। हालांकि, अब जब उन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है, तो वह फिर से राजनीति में सक्रिय होने का प्रयास कर रहे हैं।
2005 से पहले का चुनावी इतिहास
चौटाला ने 2005 में रोड़ी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें जीत मिली थी। उस समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 67 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी, जबकि इनेलो को केवल 9 सीटें मिली थीं। चौटाला की पार्टी का प्रदर्शन उस चुनाव में काफी खराब रहा, जो उनके लिए एक बड़ा झटका था।
डबवाली सीट पर चुनावी रणनीति
डबवाली सीट पर चुनाव लड़ने के लिए चौटाला ने अपनी रणनीति तैयार की है। इनेलो ने शेर सिंह बड़शामी को लाडवा से उम्मीदवार घोषित किया है, जो चौटाला के करीबी सहयोगी हैं। चौटाला का मानना है कि बड़शामी को चुनाव लड़ने की अनुमति मिलने से उनकी खुद की स्थिति मजबूत होगी।
चुनावी मुद्दे
चौटाला के लिए यह चुनाव कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर आधारित होगा, जैसे:
- शिक्षा: शिक्षक भर्ती घोटाले के बाद, वह शिक्षा के मुद्दे को प्रमुखता से उठाने की योजना बना रहे हैं।
- कृषि: हरियाणा के किसानों की समस्याओं को हल करना भी उनके एजेंडे में शामिल है।
- स्थानीय विकास: डबवाली क्षेत्र में विकास कार्यों को प्राथमिकता देने की योजना है।
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चौटाला की वापसी का महत्व
चौटाला की वापसी हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है। उनके समर्थकों का मानना है कि वह राज्य में इनेलो को फिर से मजबूत कर सकते हैं। हालांकि, उनकी सजा और विवादों का सामना करना भी एक चुनौती होगी।
चुनावी माहौल
हरियाणा में चुनावी माहौल गर्म है। सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी हैं। चौटाला की वापसी ने इनेलो के समर्थकों को उत्साहित किया है, जबकि विरोधी दलों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोलने की योजना बनाई है।